Quotes 2Day

Feb 23, 2023

परिश्रम वाली चाबी Vs. भाग्यवाली चाबी || Diligence Key Vs. lucky key

परिश्रम वाली चाबी Vs. भाग्यवाली चाबी || Diligence Key Vs. lucky key

एक चाट वाला था।
 
जब भी उसके पास चाट खाने जाओ तो ऐसा लगता कि वह हमारा ही रास्ता देख रहा हो। हर विषय पर बात करने में उसे बड़ा मज़ा आता था। कई बार उसे कहा कि भाई देर हो जाती है, जल्दी चाट लगा दिया करो पर उसकी बात ख़त्म ही नहीं होती।

एक दिन अचानक उसके साथ मेरी कर्म और भाग्य पर बात शुरू हो गई।

तक़दीर और तदबीर की बात सुन मैंने सोचा कि चलो आज उसकी फ़िलासफ़ी भी देख ही लेते हैं। मैंने उससे एक सवाल पूछ लिया।

मेरा सवाल उस चाट वाले से था कि, आदमी मेहनत से आगे बढ़ता है या भाग्य से ?

और उसने जो जवाब दिया उसके जवाब को सुन कर मेरे दिमाग़ के सारे जाले ही साफ़ हो गए।

वो चाट वाला मेरे से कहने लगा आपका किसी बैंक में लॉकर तो होगा?

मैंने कहा हाँ, तो उस चाट वाले ने मेरे से कहा कि उस लाकर की चाबियां ही इस सवाल का जवाब है। हर लॉकर की दो चाबियां होती हैं। एक आपके पास होती है और एक मैनेजर के पास।

आपके पास जो चाबी है वह है परिश्रम और मैनेजर के पास वाली चाबी भाग्य है।

जब तक दोनों चाबियां नहीं लगती लाॅकर का ताला नहीं खुल सकता।

आप कर्मयोगी पुरुष हैं और मैनेजर भगवान।

आपको अपनी चाबी भी लगाते रहना चाहिये। पता नहीं ऊपर वाला कब अपनी चाबी लगा दे । कहीं ऐसा न हो कि भगवान अपनी भाग्यवाली चाबी लगा रहा हो और हम अपनी परिश्रम वाली चाबी न लगा पायें और ताला खुलने से रह जाये।

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