जिन भी बेरोजगार/ अनपढ़ लड़कों या उनके पिताओं को लगता है कि उनके बेटों से शादी क्यों नहीं करते लोग अपनी लड़कियों की.. उनको पहले ये काम करने होंगे-
- लड़का को अपना पैतृक हक़ छोड़कर केवल दहेज लेकर लड़की के घर विदा होना होगा। जिस तरह "लड़कियां प्रेम प्रेम में अपना हिस्सा भाइयों के लिए छोड़ती हैं", वो भी अपने भाइयों के लिए छोड़े।
- A to Z घर के सब काम सीखना और ससुराल में सबकी सुख सुविधा की जिम्मेदारी उठाना जैसी कि बहू से अपेक्षा की जाती है।
- घर को जोड़कर और मर्यादा में रहना सीखना, नीची आवाज में बात, शर्माना, धीरे धीरे चलना, सुबह जल्दी उठना, जोर से नहीं हंसना
- शादी हो जाने के बाद ससुराल को ही अपना घर समझे। ससुराल की बातें कभी मायके नहीं पहुंचाए। बेहतर है फोन ही न रखे, फोन रखा और अपने बाप से ज्यादा बात की तो बाप उसका घर तुड़वा सकता है।
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बेरोजगार लड़के उत्तम वर साबित हों, इसके लिए तो अनगिनत लिस्ट हो सकती है, क्योंकि अच्छाई जितनी बढ़ाते जाओ कम ही रहती है, लेकिन फिलहाल अभी इतने से भी काम चल जायेगा।