समाज के लिए विचारणीय...!!
(1) आज काफी लड़कियो के माँ बाप अपनी बेटियो की शादी मे बहुत विलंब कर रहे है ,उनको अपने बराबरी के रिश्ते पसंद नही आते और जो बड़े घर पसंद आते है उनको लड़की पसंद नही आती,
शादी की सही उम्र 18 से 22 तक है पर अगर आपकी बेटी तैयारी कर रहीं हैं तो 25 तक देखिये.. फिर भी देरी लगे तो बीच बीच में लड़का देखते रहिये 26 या 27 तक उसके लायक....
मगर आज कल माँ बाप ने और अच्छा करते करते उम्र 28 से 38 कर दी है ।
जिससे उनकी बेटियो के चेहरे की चमक भी कम होती जाती है । और अधिक उम्र में शादी होने के उपरांत वो लड़का उस लड़की को वो प्यार नही दे पाता जिसकी हकदार वो लड़की है । किसी भी समाज मे 30% डिवोर्स की वजह यही दिखाई दे रही है । आज जीने की उम्र छोटी हो चुकी है पहले की तरह 100+ या 80+ नही होती, अब तो केवल 65+ तक जीने को मिल पायेगा इसी वजह से आज लड़के उम्र से पहले ही बूढ़े नजर आते है सर गंजा हो जाता है ।
(2) आज लड़की ओर लड़के वाले दोनों पक्ष बच्चों के पैकेज पर ध्यान दे रहे है बजाए संस्कारों के...अगर पैकेज बराबर का नहीं मिलता तो हम माँ बाप उसको inferiority का नाम दे देते है.. अगर बच्चा संस्कारी है.. शिक्षित हैं.. आपके बच्चे के अनुरूप है तो पैसा तो भविष्य मे वो कमा ही लेंगे... हमे अच्छा जीवनसाथी तलाशना है जो हमारे बच्चे को मान सम्मान दे...
(3) कुंडली मिला के जिन्होंने भी रिश्ते किये आज उनके भी रिश्ते टूटे है ,फिर आप लोग क्यो कुंडली का जिक्र कर के रिश्ता ठुकरा देते है इतिहास गवाह है हमारे पूर्वजो ने शायद कभी कुंडली नही मिलायी और सकुशल अपनी शादी की 75 वी सालगिरह तक मनाई, आप कुंडली को माध्यम बनाके बच्चों को घर मे बिठा के रखे है उमर बढ़ती जा रही है, आता जाता हर यार दोस्त रिश्तेदार सवाल कर जाता है कब कर रहे हो शादी आपसे 10 वर्ष कम आयु के लोगो को 8 साल के बच्चे भी हो गए आप 32-35 मे शादी करेंगे तो आपके बच्चों की शादी के वक्त आप अपने ही बच्चों के दादा दादी नजर आएंगे।
(4) आप घर कैसा भी चयन करे लड़की का भाग्य उसके पैदा होने से पहले ही उसके कर्मोंने लिख दिया है, भाग्य मे सुख लिखे है तो अंधेरे घर मे भी रोशनी कर देगी दुख लिखे है तो पैसे वाले भी डूब जाते है।
(5) अंतिम मे बस इतना ही कहना है कि अपने बच्चों की उम्र बर्बाद ना करे, गयी उम्र लौट कर नही आती दुसरो को देख कर अपने लिए वैसा रिश्ता देखना मूर्खता है आप अपने बच्चों की बढ़ती उम्र के दुख को समझिए रिश्ता वो करिये, जिस लड़के वालो मे लालच ना हो, लड़का संस्कारी हो, जो आपकी बेटी को प्यार करे, उसकी इज्जत करे, उम्र बहूत छोटी है आप इतने जमीन जायदाद देख कर क्या कर लेंगे कौन अपने साथ एक तिनका भी ले जा पाया है । बच्चों की बाकी उम्र उनके जीवन साथी के साथ जीने दीजिये समय बहुत बलवान है आज की लडकिया पढ़ी लिखी है वो अपने परिवार के साथ कुछ अच्छा तो कर ही सकती है ।
(6) अपनी लड़कियों के लिए साधन संपन्न घर में रिश्ता तलाशने की बजाय संस्कारी घर मे तलाश करें,योग्यता होगी तो साधन सम्पन्न वे खुद हो जाएंगे,और सहीं मायने में तभी उसकी कद्र करेंगे ।
(7) यदि कन्या वाले मध्यम वर्गीय परिवार से हैं तो अपने बीच के परिवार से ही रिश्ता करिये,आपकी लड़की अपना भाग्य खुद सवांर लेगी,योग्यता और संस्कार के बूते पर ।
गहरे मन से विचार करे जरूर आपको एक उम्मीद की रोशनी दिखेगी ,और रिश्तों की राह आसान हो जाएगी l
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