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- I cannot teach anybody anything; I can only make them think. – SocratesIn Teachers Day Quotes·December 28, 2022I cannot teach anybody anything; I can only make them think. – Socrates मैं किसी को कुछ नहीं सिखा सकता; मैं सिर्फ उन्हें सोचने पर मजबूर कर सकता हूं। - सुकरात100
- “I have always felt that the true text-book for the pupil is his teacher.” – Mahatma Gandhi "मैंने हमेशा महसूस किया है कि शिष्य के लिए सच्चIn Teachers Day Quotes·December 28, 2022“I have always felt that the true text-book for the pupil is his teacher.” – Mahatma Gandhi "मैंने हमेशा महसूस किया है कि शिष्य के लिए सच्ची पाठ्य-पुस्तक उसका शिक्षक है।" - महात्मा गांधी100
- Just because you don't share it on social media, doesn't mean you're not up to big things. Live it and stay low key. Privacy is everythingIn Denzel Washington Quotes·December 28, 2022101
- GoalIn Story·June 14, 202315 साल का एक लड़का रेलवे स्टेशन पर पानी बेचकर अपना गुजारा करता था। एक दिन जब वह पानी बेच रहा था तो ट्रेन में बैठे एक सेठ ने उसे बुलाया। लड़का सेठ के पास पहुंचा तो सेठ ने उससे पूछा कि पानी की बोतल कितने रुपए की है ? लड़के ने कहा- 10 रूपए की। सेठ ने उससे कहा कि 7 रूपए में देगा क्या ? सेठ की बात सुनकर लड़का मुस्कुराकर उनके हाथ से पानी की बोतल लेकर आगे चला गया। सेठ के पास बैठा एक संत यह सब देख रहा था। वह यही सोच रहा था कि आखिर लड़का मुस्कुराया क्यों ? इसके पीछे जरूर कोई रहस्य है। इसके बाद महात्मा ट्रेन से उतरकर उस लड़के के पीछे गए और फिर लड़के के पास जाकर पूछा कि सेठ ने जब मोल-भाव किया तो तुम क्यों मुस्कुरा रहे थे ? तब लड़का बोला कि महाराज मैं इस वजह से हंस रहा था, क्योंकि सेठ जी को प्यास नहीं लगी थी। वह तो केवल बोतल का रेट पूछ रहे थे। फिर महात्मा ने उससे कहा- तुम्हें कैसे पता कि सेठ जी को प्यास लगी ही नहीं थी ? तो लड़के ने जवाब दिया कि जिसको वाकई में प्यास लगी होती है, वह सबसे पहले बोतल लेकर पानी पीता है, उसके बाद पानी का रेट पूछता है। पहले कीमत पूछने का अर्थ है कि प्यास लगी ही नहीं है। संत लड़के की बात को समझ गया और दोबारा ट्रेन में जाकर बैठ गया। मतलब साफ है कि हर किसी व्यक्ति का कोई ना कोई लक्ष्य होता है और वह उसे पाना चाहता है। जो लोग बिना तर्क-कुतर्क के अपने लक्ष्य को पाने में लग जाते हैं, वह उसे पाकर ही दम लेते हैं, जबकि कुछ लोग हर कामों में कमी निकालते रहते हैं और सोच विचार में ही उलझे रहते हैं। इसी वजह से वह अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाते।101
- "दोहरा आचरण"In Story·June 14, 2023"दोहरा आचरण"•••••• रसोईघर में जाकर देखा तो कढ़ाही में एक आलू और जरा सा रस था , होट केस में एक ही रोटी थी वो तली में भींगी चिपचपी , भूखी वसुधा अपने ही घर में ऐसा दृश्य देख रो पड़ी और तुरंत से दो रोटी बनाती है और बचे खुचे सब्जी में डूबो कर खा लेती है । अभी तीनदिन पहले उसने एक बेटी सामान्यतः जन्मा था और ससुराल में सास ननद के होते उसको ना खाना मिलता ना ही कोई उसके बच्चे को पकड़ता । शायद ससुराल में सास और ननद वहीं करती हैं जिसे वो भुगत चुकी हैं और पति वैभव को समय कहाँ कि वो वसुधा की मदद करे , बिचारा केवल एक सेब खाकर ऑफिस चला जाता और रात के नौ बजे आता था । उस समय दोंनो माँ बेटी खूब अच्छे से वैभव को खाना परोसती और यह जाहिर करतीं कि कितनी अच्छी हैं वो लोग! लेकिन वसुधा को दाने दाने के लिए तरसातीं थीं । वैभव के खाने के उपरांत उसके हाथोंहाथ खाना वसुधा को भिजवा दिया जाता , वैभव यही सोचता कि उसकी माँबहन पत्नी का बहुत ख्याल रख रही हैं लेकिन बिचारा अनभिज्ञ है कि दोंनो दिखावापरस्त हैं । हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और , लेकिन अंत में भगवान भी सबक दे ही देते हैं ऐसे दोगले चरित्र वाले को । आज रविवार है इसलिए वैभव घर में ही है और वसुधा को बच्चा हुए बीस दिन बीत चुके हैं । किचन में दोंनो खाना बना रही माँ बेटी मन ही मन सोच रही कि वैभव के सामने उसे खाना पानी तो देना ही पड़ेगा , महारानी के आज बीस दिन हो चुके हैं और अभी भी प्रसुता वाला नखरे उठा रही है । देख ना माँ ! वसुधा के नखरे , अभी तक कमरे में पड़ी है , हमलोगों के मदद के लिए झाँकने भी नहीं आती ? भाई भी इसको सर पर चढ़ा रखा है , हूँ हहहह! ह क्या कर सकते हैं अब सवा महीने तक तो झेलने ही पड़ेंगे , फिर महारानी जी अपना किचन सँभालेगी, और नहीं क्या ! वैभव की माँ भी तमक कर बोली । माँबेटी की कानाफूसी जारी है और बिचारी वसुधा को बस रविवार को ही वैभव के घर पर रहने से खाना मिल जाता है , शेष दिन वो खुद ही खाना बनाकर खा लेती । सवा महीने बीत गए, अब वसुधा ने रसोईघर सँभाल लिया है , बेटी को देखने के लिए एक लड़की को रखा है ताकि घर के काम में सहायक हो । ननद अपने ससुराल चली गई है , बस घर में सास और वसुधा ही हैं । रोज समय पर सास को नाश्ता, खाना चाय पानी देती , सास का मन अब दुखी है कि जब बहु को मेरी जरूरत थी तब तो उसको भूखे मार रही थी और अब यह सबकुछ भूलकर मेरा ख्याल रख रही है , मन ही मन उदास रहती और फोन पर बेटी से कहती कि पापी हैं वो । लेकिन अब क्या फायदा ! वसुधा को अब क्या करना है , वो सब भूल चुकी है ।102
- माँ बाप अपनी बेटियो की शादी मे बहुत विलंब कर रहे हैIn Story·July 2, 2023समाज के लिए विचारणीय...!! (1) आज काफी लड़कियो के माँ बाप अपनी बेटियो की शादी मे बहुत विलंब कर रहे है ,उनको अपने बराबरी के रिश्ते पसंद नही आते और जो बड़े घर पसंद आते है उनको लड़की पसंद नही आती, शादी की सही उम्र 18 से 22 तक है पर अगर आपकी बेटी तैयारी कर रहीं हैं तो 25 तक देखिये.. फिर भी देरी लगे तो बीच बीच में लड़का देखते रहिये 26 या 27 तक उसके लायक.... मगर आज कल माँ बाप ने और अच्छा करते करते उम्र 28 से 38 कर दी है । जिससे उनकी बेटियो के चेहरे की चमक भी कम होती जाती है । और अधिक उम्र में शादी होने के उपरांत वो लड़का उस लड़की को वो प्यार नही दे पाता जिसकी हकदार वो लड़की है । किसी भी समाज मे 30% डिवोर्स की वजह यही दिखाई दे रही है । आज जीने की उम्र छोटी हो चुकी है पहले की तरह 100+ या 80+ नही होती, अब तो केवल 65+ तक जीने को मिल पायेगा इसी वजह से आज लड़के उम्र से पहले ही बूढ़े नजर आते है सर गंजा हो जाता है । (2) आज लड़की ओर लड़के वाले दोनों पक्ष बच्चों के पैकेज पर ध्यान दे रहे है बजाए संस्कारों के...अगर पैकेज बराबर का नहीं मिलता तो हम माँ बाप उसको inferiority का नाम दे देते है.. अगर बच्चा संस्कारी है.. शिक्षित हैं.. आपके बच्चे के अनुरूप है तो पैसा तो भविष्य मे वो कमा ही लेंगे... हमे अच्छा जीवनसाथी तलाशना है जो हमारे बच्चे को मान सम्मान दे... (3) कुंडली मिला के जिन्होंने भी रिश्ते किये आज उनके भी रिश्ते टूटे है ,फिर आप लोग क्यो कुंडली का जिक्र कर के रिश्ता ठुकरा देते है इतिहास गवाह है हमारे पूर्वजो ने शायद कभी कुंडली नही मिलायी और सकुशल अपनी शादी की 75 वी सालगिरह तक मनाई, आप कुंडली को माध्यम बनाके बच्चों को घर मे बिठा के रखे है उमर बढ़ती जा रही है, आता जाता हर यार दोस्त रिश्तेदार सवाल कर जाता है कब कर रहे हो शादी आपसे 10 वर्ष कम आयु के लोगो को 8 साल के बच्चे भी हो गए आप 32-35 मे शादी करेंगे तो आपके बच्चों की शादी के वक्त आप अपने ही बच्चों के दादा दादी नजर आएंगे। (4) आप घर कैसा भी चयन करे लड़की का भाग्य उसके पैदा होने से पहले ही उसके कर्मोंने लिख दिया है, भाग्य मे सुख लिखे है तो अंधेरे घर मे भी रोशनी कर देगी दुख लिखे है तो पैसे वाले भी डूब जाते है। (5) अंतिम मे बस इतना ही कहना है कि अपने बच्चों की उम्र बर्बाद ना करे, गयी उम्र लौट कर नही आती दुसरो को देख कर अपने लिए वैसा रिश्ता देखना मूर्खता है आप अपने बच्चों की बढ़ती उम्र के दुख को समझिए रिश्ता वो करिये, जिस लड़के वालो मे लालच ना हो, लड़का संस्कारी हो, जो आपकी बेटी को प्यार करे, उसकी इज्जत करे, उम्र बहूत छोटी है आप इतने जमीन जायदाद देख कर क्या कर लेंगे कौन अपने साथ एक तिनका भी ले जा पाया है । बच्चों की बाकी उम्र उनके जीवन साथी के साथ जीने दीजिये समय बहुत बलवान है आज की लडकिया पढ़ी लिखी है वो अपने परिवार के साथ कुछ अच्छा तो कर ही सकती है । (6) अपनी लड़कियों के लिए साधन संपन्न घर में रिश्ता तलाशने की बजाय संस्कारी घर मे तलाश करें,योग्यता होगी तो साधन सम्पन्न वे खुद हो जाएंगे,और सहीं मायने में तभी उसकी कद्र करेंगे । (7) यदि कन्या वाले मध्यम वर्गीय परिवार से हैं तो अपने बीच के परिवार से ही रिश्ता करिये,आपकी लड़की अपना भाग्य खुद सवांर लेगी,योग्यता और संस्कार के बूते पर । गहरे मन से विचार करे जरूर आपको एक उम्मीद की रोशनी दिखेगी ,और रिश्तों की राह आसान हो जाएगी l _लेख को पढ़ने के पश्चात जनजागरूकता हेतु साझा अवश्य करें।102
- दोस्तों सोचिए जरा ???In Story·July 2, 2023दोस्तों सोचिए जरा ??? इंटरव्यू के दौरान एक औरत से पूछा गया ... नौकरी क्यों करनी है ? औरत -"साहब मुझे मेरा घर बनाना है" ऑफिसर - किराये के मकान में रहती हो ? औरत - नहीं #पति के घर में ऑफिसर - तो फिर घर क्यों बनाना है ? औरत - " जब भी गलत के खिलाफ आवाज उठाती हूँ तो मुझे धमकी मिलती है ... "अपने माँ बाप के घर जाओ वहीँ रहना " #माँ- #बाप के पास से जबाब मिलता है... " #बेटा अब वही तुम्हारा घर है " कैसे भी वहीँ रहो मैं आजतक समझ नहीं पायी साहब ... मेरा घर कहाँ है !!! सोचा ... नौकरी करके "अपना घर बनाऊँगी।101
- Those who write, write a new history in the world, writing their destiny is a very small thing.In Quotes·December 28, 2022❝Those who write, write a new history in the world, writing their destiny is a very small thing.❞ ❝लिखने वाले तो दुनियां में एक नया इतिहास लिख देते है, अपनी तकदीर लिखना तो बहुत छोटी सी बात है।❞100
- Keep your dreams big and your worries small.In Quotes·December 28, 2022❝Keep your dreams big and your worries small.❞ ❝अपने सपनों को बड़ा और अपनी चिंताओं को छोटा रखें।❞100
- Silence is the fence around wisdom.In Quotes·December 28, 2022❝ Silence is the fence around wisdom.❞ ❝ मौन ज्ञान के चारों ओर बाड़ है।❞ Type Yes If you agree. A short story proof of this word.100
- इंसानों में शायद सब कुछ बटोर लेने की फ़ितरत यहीं से आई है ..!😊In Life is beautiful !·December 28, 2022100
- Travel bag that follows its owner. 👍🤣🤣In Life is beautiful !·December 28, 2022Travel bag that follows its owner. 👍🤣🤣100