🍞🧀1/2 किलो मक्खन🍞🧀
एक बार एक किसान था। वो रोज एक बनिए को आधा किलो मक्खन बेचता था।
एक दिन बनिया अपने घर गया और सोचा की इस मक्खन को तोलता हूँ, ताकि पता चल जाये की मुझे सही मात्रा में मक्खन मिल रहा हैं या नहीं। उससे वजन किया तो पता चला की मक्खन आधा किलो से कम था।
इस पर बनिए को गुस्सा आ गया और वो उस किसान को कोर्ट में ले गया।
कोर्ट में जज ने किसान से पूछा, “वह मक्खन को तोलने के लिए क्या इस्तेमाल करता हैं।”
किसान ने जवाब दिया, हुजूर, मैं अनपढ़ हूँ। मेरे पास कोई आधा किलो का बाट भी नहीं हैं।
जज ने पूछा, “तो तुम मक्खन को कैसे तोलते हो?”
किसान ने जवाब दिया, “हुजूर, में बहुत समय से रोज इस बनिए की दुकान से आधा किलो आटा खरीदता हु। और जो भी आटा लाता हु, उसके बराबर मक्खन तोलकर इस बनिए को दे देता हु।
अगर कोई दोषी हैं तो वो बनिया खुद है, जो मुझे रोज कम आटा तोलता हैं।
Moral of the Story: अपनी ज़िन्दगी में हम जो कुछ भी देते हैं, वह हमारे पास वापस जरूर लौट के आता हैं। इसलिए किसी को भी धोखा देने की कोशिश न करे।
Daily Motivational Thoughts and Life Quotes.
1/2 kg butter
Once upon a time there was a farmer. He used to sell half a kilo of butter to a bania every day.
One day the baniya went to his house and thought that I would weigh this butter so that I would know whether I am getting the right amount of butter or not. When we weighed it, it was found that the butter was less than half a kilo.
Bania got angry on this and he took that farmer to the court.
The judge in the court asked the farmer, "What does he use to weigh butter?"
The farmer replied, "Huzoor, I am illiterate. I don't even have any half-kilogram weights."
The judge asked, "So how do you weigh butter?"
The farmer replied, “Huzoor, I have been buying half a kilo of flour every day from this bania shop. And after weighing butter equal to the flour I bring, I give it to this bania.
If anyone is guilty then it is the baniya himself, who makes me weigh less flour every day.
Moral of the Story: Whatever we give in our life, it definitely comes back to us. So don't try to cheat anyone.
Daily Motivational Thoughts and Life Quotes.
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