50+ Jyotiba Phule Quotes : Jyotiba Phule Jayanti Quotes
Jyotiba Phule (also known as Jyotirao Phule) was a social reformer, activist, writer, and thinker who lived in India during the 19th century. He was born on April 11, 1827, in Satara district of present-day Maharashtra, India, and died on November 28, 1890.
Jyotiba Phule is considered to be one of the most important figures in the social reform movement in India. He was a strong advocate of education for all, and he worked tirelessly to promote education among the lower castes and women. He founded the Satyashodhak Samaj, a society dedicated to promoting education, social equality, and justice.
Jyotiba Phule was also a writer and thinker who wrote several books, including "Gulamgiri," "Sarvajanik Satyadharma Pustak," and "Shetkarayacha Aasud." His writings were critical of the caste system, which he saw as the root cause of social inequality and injustice. He also spoke out against the oppression of women and the exploitation of the poor by the wealthy.
Jyotiba Phule's contributions to the social reform movement in India were significant, and his legacy continues to inspire generations of Indians to fight for social justice and equality.
ज्योतिबा फुले (जिन्हें ज्योतिराव फुले के नाम से भी जाना जाता है) एक समाज सुधारक, कार्यकर्ता, लेखक और विचारक थे, जो 19वीं शताब्दी के दौरान भारत में रहते थे। उनका जन्म 11 अप्रैल, 1827 को वर्तमान महाराष्ट्र, भारत के सतारा जिले में हुआ था और उनकी मृत्यु 28 नवंबर, 1890 को हुई थी।
ज्योतिबा फुले को भारत में समाज सुधार आंदोलन के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों में से एक माना जाता है। वे सभी के लिए शिक्षा के प्रबल पक्षधर थे, और उन्होंने निचली जातियों और महिलाओं के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किया। उन्होंने सत्यशोधक समाज की स्थापना की, जो शिक्षा, सामाजिक समानता और न्याय को बढ़ावा देने के लिए समर्पित समाज है।
ज्योतिबा फुले एक लेखक और विचारक भी थे, जिन्होंने "गुलामगिरी," "सार्वजनिक सत्यधर्म पुस्तक," और "शेतकरायचा आसूद" सहित कई पुस्तकें लिखीं। उनका लेखन जाति व्यवस्था की आलोचनात्मक था, जिसे उन्होंने सामाजिक असमानता और अन्याय के मूल कारण के रूप में देखा। उन्होंने महिलाओं के उत्पीड़न और अमीरों द्वारा गरीबों के शोषण के खिलाफ भी बात की।
भारत में सामाजिक सुधार आंदोलन में ज्योतिबा फुले का योगदान महत्वपूर्ण था, और उनकी विरासत आज भी भारतीयों की पीढ़ियों को सामाजिक न्याय और समानता के लिए लड़ने के लिए प्रेरित करती है।
Jyotiba Phule Quotes
"Education is the only means of national progress."
"No nation can progress without the participation of women in all spheres of life."
"Caste is a social monster that has destroyed our nation for centuries."
"The true test of civilization is not the census, nor the size of cities, nor the crops - no, but the kind of man the country turns out."
"Let us organize and agitate for the complete destruction of the caste system."
"Education is the key to unlock the golden door of freedom."
"Religion without humanity is very poor human stuff."
"Freedom can never be taken for granted. Each generation must safeguard it and extend it. Your parents and elders sacrificed much so that you should have freedom without suffering what they did."
"The seed of revolution is repression."
"The religion of humanity is superior to any other religion."
"The progress of a community depends mainly on the progress of the women of that community."
"Our real duty is to eradicate the exploitation of man by man."
"Those who want to live, let them fight, and those who do not want to fight in this world of eternal struggle do not deserve to live."
"The biggest slavery is to be free from education."
"All religions are nothing but the blind belief of the masses."
"The lower the caste, the greater the need for education."
"The true measure of the value of any creed is all that it will do for the human race."
"Men are mortal. So are ideas. An idea needs propagation as much as a plant needs watering. Otherwise, both will wither and die."
"We must have constitutional guarantees for the complete abolition of the caste system."
"The golden rule of conduct is mutual toleration, seeing that we will never all think alike and we shall always see Truth in fragments and from different angles of vision."
"The ignorant always tend to disparage what they do not understand."
"Liberty, equality, and fraternity are the principles on which modern civilization has been founded."
"We should all be proud of our language, our culture, and our nation, but we should not be blinded by our pride."
"We need to change the world, not conform to it."
"The education of women is the only sure means of saving society from ignorance and degradation."
"The worst form of slavery is to be a slave to oneself."
"Every man who rises above the common level has received two educations: the first from his teachers, the second, more personal and important, from himself."
"Our battle is not to abolish caste, but to secure equality for all."
"We should not depend upon God, we should depend upon ourselves. It is our duty to make ourselves strong and self-reliant."
"The success of a revolution depends on the degree of organization and determination of its leaders."
"The greatest weakness of a human being is to be ignorant and to be prejudiced against the truth."
"We must not only change the political system, but also the social and economic systems that underlie it."
"The object of education is to prepare the young to educate themselves throughout their lives."
"The ultimate aim of education is the welfare of humanity."
"Freedom is the soul of every country, community, and individual. Without freedom, there is no progress, no hope, no future."
"It is the duty of every citizen to uphold the Constitution and protect the rights and freedoms it guarantees."
ज्योतिबा फुले के विचार : Jyotiba Phule Jayanti Quotes
"शिक्षा ही राष्ट्रीय प्रगति का एकमात्र साधन है।"
"जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी के बिना कोई भी राष्ट्र प्रगति नहीं कर सकता है।"
"जाति एक सामाजिक राक्षस है जिसने सदियों से हमारे देश को नष्ट किया है।"
"सभ्यता की सच्ची परीक्षा जनगणना नहीं है, न ही शहरों का आकार, न ही फसल - नहीं, बल्कि देश के किस तरह के आदमी निकलते हैं।"
"आइए हम जाति व्यवस्था के पूर्ण विनाश के लिए संगठित और आंदोलन करें।"
"शिक्षा स्वतंत्रता के सुनहरे द्वार को खोलने की कुंजी है।"
"मानवता के बिना धर्म बहुत ही घटिया मानव सामग्री है।"
"स्वतंत्रता को कभी भी हल्के में नहीं लिया जा सकता है। प्रत्येक पीढ़ी को इसकी रक्षा करनी चाहिए और इसका विस्तार करना चाहिए। आपके माता-पिता और बड़ों ने बहुत त्याग किया है ताकि आपको बिना कष्ट के स्वतंत्रता मिल सके।"
"क्रांति का बीज दमन है।"
"मानवता का धर्म किसी भी अन्य धर्म से श्रेष्ठ है।"
"एक समुदाय की प्रगति मुख्य रूप से उस समुदाय की महिलाओं की प्रगति पर निर्भर करती है।"
"हमारा वास्तविक कर्तव्य मनुष्य द्वारा मनुष्य के शोषण को मिटाना है।"
"जो जीना चाहते हैं, उन्हें लड़ने दो, और जो शाश्वत संघर्ष की इस दुनिया में लड़ना नहीं चाहते, वे जीने के लायक नहीं हैं।"
"सबसे बड़ी गुलामी शिक्षा से मुक्त होना है।"
"सभी धर्म और कुछ नहीं बल्कि जनता का अंध विश्वास है।"
"जाति जितनी नीची होगी, शिक्षा की उतनी ही अधिक आवश्यकता होगी।"
"किसी भी पंथ के मूल्य का सही माप यह है कि वह मानव जाति के लिए क्या करेगा।"
"मनुष्य नश्वर हैं। इसलिए विचार भी हैं। एक विचार को प्रचार की उतनी ही आवश्यकता होती है जितनी एक पौधे को पानी की। अन्यथा, दोनों मुरझा जाएंगे और मर जाएंगे।"
"जाति व्यवस्था के पूर्ण उन्मूलन के लिए हमारे पास संवैधानिक गारंटी होनी चाहिए।"
"आचरण का सुनहरा नियम आपसी सहनशीलता है, यह देखते हुए कि हम सभी कभी भी एक जैसा नहीं सोचेंगे और हम सत्य को हमेशा टुकड़ों में और दृष्टि के विभिन्न कोणों से देखेंगे।"
"अज्ञानी हमेशा उस चीज़ का तिरस्कार करते हैं जो वे नहीं समझते हैं।"
"स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व ऐसे सिद्धांत हैं जिन पर आधुनिक सभ्यता की स्थापना की गई है।"
"हम सभी को अपनी भाषा, अपनी संस्कृति और अपने राष्ट्र पर गर्व होना चाहिए, लेकिन हमें अपने गौरव से अंधा नहीं होना चाहिए।"
"हमें दुनिया को बदलने की जरूरत है, इसके अनुरूप नहीं।"
"महिलाओं की शिक्षा समाज को अज्ञानता और पतन से बचाने का एकमात्र निश्चित साधन है।"
"खुद का गुलाम होना गुलामी का सबसे बुरा रूप है।"
"प्रत्येक व्यक्ति जो सामान्य स्तर से ऊपर उठता है, उसने दो शिक्षाएँ प्राप्त की हैं: पहली अपने शिक्षकों से, दूसरी, अधिक व्यक्तिगत और महत्वपूर्ण, स्वयं से।"
"हमारी लड़ाई जाति को खत्म करने की नहीं है, बल्कि सभी के लिए समानता सुरक्षित करने की है।"
"हमें ईश्वर पर निर्भर नहीं होना चाहिए, हमें स्वयं पर निर्भर रहना चाहिए। स्वयं को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाना हमारा कर्तव्य है।"
"एक क्रांति की सफलता संगठन की डिग्री और उसके नेताओं के दृढ़ संकल्प पर निर्भर करती है।"
"मनुष्य की सबसे बड़ी कमजोरी अज्ञानी होना और सत्य के प्रति पूर्वाग्रही होना है।"
"हमें न केवल राजनीतिक व्यवस्था को बदलना चाहिए, बल्कि सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था को भी बदलना चाहिए।"
"शिक्षा का उद्देश्य युवाओं को जीवन भर खुद को शिक्षित करने के लिए तैयार करना है।"
"शिक्षा का अंतिम उद्देश्य मानवता का कल्याण है।"
"स्वतंत्रता प्रत्येक देश, समुदाय और व्यक्ति की आत्मा है। स्वतंत्रता के बिना कोई प्रगति नहीं है, कोई आशा नहीं है, कोई भविष्य नहीं है।"
"यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह संविधान को बनाए रखे और अधिकारों और स्वतंत्रता की गारंटी देता है।"
सत्यशोधक समाजचे संस्थापक,
महान विचारक व दलित चिंतक
महात्मा ज्योतिबा फुले जी च्या
जयंती निमित्त हार्दिक शुभेच्छा!
25 Jyotiba Phule Quotes On Education
"Education is the most powerful tool to uplift the marginalized sections of society."
"True education should enable a person to contribute to society and live a dignified life."
"Education is the only means to fight against ignorance, superstition, and inequality."
"Education is not just about acquiring knowledge, but it is about developing a sense of social responsibility."
"The purpose of education is to make people independent and self-reliant."
"Education should be free and accessible to all, regardless of their caste, gender, or economic status."
"Education is the key to empower women and create a more equal society."
"Education should promote critical thinking and not just rote learning."
"Education is a tool to promote social justice and equality."
"Education should be based on scientific and rational principles, not on blind faith and tradition."
"Education should be practical and job-oriented to make people employable and self-sufficient."
"Education should promote creativity and innovation, not just conformity and obedience."
"Education should be holistic, covering all aspects of life, including physical, emotional, and spiritual well-being."
"Education should encourage curiosity and a thirst for knowledge."
"Education should be inclusive and promote diversity, not discrimination and prejudice."
"Education should teach people to respect the environment and live sustainably."
"Education should promote empathy and compassion towards all living beings."
"Education should promote peace, harmony, and understanding among different communities and nations."
"Education should promote human values such as honesty, integrity, and social responsibility."
"Education should be a continuous process that lasts throughout life."
"Education should be relevant to the needs and aspirations of the society."
"Education should be a tool to eradicate poverty, illiteracy, and social inequality."
"Education should be a liberating force that enables people to think for themselves and question authority."
"Education should promote human rights and social justice."
"Education should be a transformative experience that empowers people to change themselves and society for the better."
25 Jyotiba Phule Quotes On Education In Hindi
"शिक्षा समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए सबसे शक्तिशाली उपकरण है।"
"सच्ची शिक्षा को एक व्यक्ति को समाज में योगदान करने और एक सम्मानित जीवन जीने में सक्षम बनाना चाहिए।"
"शिक्षा ही अज्ञानता, अंधविश्वास और असमानता से लड़ने का एकमात्र साधन है।"
"शिक्षा केवल ज्ञान प्राप्त करने के बारे में नहीं है, बल्कि यह सामाजिक जिम्मेदारी की भावना विकसित करने के बारे में है।"
"शिक्षा का उद्देश्य लोगों को स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाना है।"
"शिक्षा सभी के लिए मुफ्त और सुलभ होनी चाहिए, चाहे उनकी जाति, लिंग या आर्थिक स्थिति कुछ भी हो।"
"शिक्षा महिलाओं को सशक्त बनाने और अधिक समान समाज बनाने की कुंजी है।"
"शिक्षा को महत्वपूर्ण सोच को बढ़ावा देना चाहिए न कि केवल रट्टा सीखने को।"
"शिक्षा सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देने का एक उपकरण है।"
"शिक्षा वैज्ञानिक और तर्कसंगत सिद्धांतों पर आधारित होनी चाहिए, न कि अंध विश्वास और परंपरा पर।"
"लोगों को रोजगारपरक और आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिक्षा व्यावहारिक और रोजगारोन्मुखी होनी चाहिए।"
"शिक्षा को रचनात्मकता और नवीनता को बढ़ावा देना चाहिए, न कि केवल अनुरूपता और आज्ञाकारिता।"
"शिक्षा समग्र होनी चाहिए, जिसमें शारीरिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक कल्याण सहित जीवन के सभी पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए।"
"शिक्षा को जिज्ञासा और ज्ञान की प्यास को प्रोत्साहित करना चाहिए।"
"शिक्षा समावेशी होनी चाहिए और विविधता को बढ़ावा देना चाहिए, भेदभाव और पूर्वाग्रह नहीं।"
"शिक्षा को लोगों को पर्यावरण का सम्मान करना और स्थायी रूप से जीना सिखाना चाहिए।"
"शिक्षा को सभी जीवित प्राणियों के प्रति सहानुभूति और करुणा को बढ़ावा देना चाहिए।"
"शिक्षा को विभिन्न समुदायों और राष्ट्रों के बीच शांति, सद्भाव और समझ को बढ़ावा देना चाहिए।"
"शिक्षा को ईमानदारी, अखंडता और सामाजिक जिम्मेदारी जैसे मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देना चाहिए।"
"शिक्षा एक सतत प्रक्रिया होनी चाहिए जो जीवन भर चलती है।"
"शिक्षा समाज की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के अनुरूप होनी चाहिए।"
"शिक्षा को गरीबी, निरक्षरता और सामाजिक असमानता को मिटाने का एक साधन होना चाहिए।"
"शिक्षा एक मुक्तिदायक शक्ति होनी चाहिए जो लोगों को अपने लिए सोचने और सत्ता से सवाल करने में सक्षम बनाती है।"
"शिक्षा को मानव अधिकारों और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना चाहिए।"
"शिक्षा एक परिवर्तनकारी अनुभव होना चाहिए जो लोगों को खुद को और समाज को बेहतर बनाने के लिए सशक्त बनाता है।"
25 Jyotiba Phule Quotes On Women
Jyotiba Phule was an Indian social reformer, thinker, and writer who fought against social discrimination and injustice. He was an advocate for women's rights and worked to improve the status of women in Indian society. Here are 25 quotes by Jyotiba Phule on women:
"Without the upliftment of women, no nation can progress."
"Women are not the weaker sex, they are the stronger sex."
"The education of women is the only way to eradicate social evils."
"A nation that oppresses its women cannot progress."
"A woman is not just a wife and mother; she is also a human being with her own aspirations and dreams."
"The true measure of a society's progress is how it treats its women."
"Women are the backbone of any society."
"Women are not objects to be used and thrown away; they are equal partners in society."
"Women are not inferior to men in any way."
"It is only through education that women can break free from the chains of oppression."
"Women should have the same rights as men, including the right to education and employment."
"Women should not be confined to the domestic sphere; they should be allowed to explore their potential in all fields."
"The oppression of women is a reflection of a society's backwardness."
"A society that treats its women as second-class citizens cannot call itself civilized."
"The empowerment of women is the key to a society's progress."
"Women should be treated with respect and dignity."
"A woman's worth is not determined by her marital status or her ability to bear children."
"Women are not property to be owned or controlled by men."
"The emancipation of women is essential for the progress of humanity."
"A society that fails to recognize the rights of women is a society that is doomed to fail."
"Women are not objects of desire; they are human beings with their own thoughts and feelings."
"The true test of a man's character is how he treats women."
"Women should be given equal opportunities to participate in all spheres of life."
"The education of women is the key to their empowerment."
"The liberation of women is the liberation of humanity."
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